नेता बनने की होड़ में मर्यादा की चिता-दलित महिला पर अभद्र टिप्पणी,SC/ST एक्ट में केस दर्ज-आशुतोष सोशल मीडिया पर बवाल में !

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नेता बनने की होड़ में मर्यादा की चिता-दलित महिला पर अभद्र टिप्पणी,SC/ST एक्ट में केस दर्ज-आशुतोष सोशल मीडिया पर बवाल में !
ब्यूरो,प्रभात कुमार
बिहार की राजनीति में एक बार फिर शर्मनाक विवाद खड़ा हो गया है।ब्राह्मण भूमिहार एकता मंच फाउंडेशन के फाउंडर प्रेसिडेंट आशुतोष कुमार ने आरजेडी प्रवक्ता सारिका पासवान को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की है।इस बयान में उन्होंने न केवल एक महिला के प्रति अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया बल्कि जातिगत अपमान की सभी सीमाएं लांघ दीं।
सारिका पासवान एक दलित महिला नेता हैं और राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं।उनके खिलाफ इस तरह की टिप्पणी से सामाजिक और राजनीतिक हलकों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।दलित समुदाय के सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस बयान की तीखी निंदा की है।
सारिका पासवान ने इस मामले में आशुतोष कुमार के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।आरजेडी पार्टी खुलकर अपने प्रवक्ता के समर्थन में खड़ी हो गई है और इसे महिला विरोधी तथा दलित विरोधी मानसिकता करार दिया गया है।
वहीं दूसरी ओर,आशुतोष कुमार के समर्थक सोशल मीडिया पर उनके बचाव में उतर आए हैं,और उन्हें ‘डरने की जरूरत नहीं’ जैसी बातें लिख रहे हैं।यह घटनाक्रम यह सवाल खड़ा करता है कि क्या अब राजनीतिक पहचान बनाने के लिए घृणित और स्तरहीन टिप्पणियां ही रास्ता बचा है ?
क्या महिलाओं की गरिमा,दलित समाज के सम्मान और सामाजिक समरसता की बातें केवल भाषणों और मंचों तक सीमित रह गई हैं ?
ऐसे समय में जब देश महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समानता की ओर बढ़ रहा है,इस प्रकार की बयानबाज़ी न केवल राजनीति की साख गिराती है,बल्कि समाज को विभाजित भी करती है।लोकतंत्र की मर्यादा को बचाए रखने के लिए ऐसे ज़हरीले भाषणों का खुला बहिष्कार जरूरी है।

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