रजौली में सजी फल व पूजन सामग्री की दुकानें

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रजौली में सजी फल व पूजन सामग्री की दुकानें
रजौली प्रखंड क्षेत्र में सूर्योपासना का महापर्व छठ मंगलवार से नहाय-खाय के साथ विधिवत शुरू हो गया है।इस चार दिवसीय पर्व का समापन 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा।इस महापर्व को लेकर रजौली में तैयारियां जोरों पर हैं।हर साल की तरह इस बार भी रजौली में दर्जनों पूजन सामाग्री की दुकानें सड़क के बीचों-बीच लगी है।जहां सैकड़ों लोग अपने जरूरत की सामान खरीदने में व्यस्त थे।केला,अनार,पपीता, शकरकंद,शरीफा,अंगुर, अनानस,सेव,गाजर,हल्दी, गन्ना, नाशपाती,सांचा,धूप,नारियल, बद्धी, सिंदूर,रूई,पान,फूल आदि हर तरह की यहां दुकानें एक जगह पर कतार में लगाई जाती है।छठ पूजा के लिए आवश्यक सामग्री-सूप, दउरा,नया चावल,गुड़ आदि की दुकानें सजी हैं।पूजन सामग्री खरीदने के लिए भक्तों की भीड़ दिखाई दे रही है।बाजार में छठ की रौनक पुरानी बस स्टैंड,बजरंग बली चौक,संगत मोड़,राज शिवाला,मुरहेना,अमावां व अंधरवारी जैसे प्रमुख स्थानों पर अस्थाई दुकानें लगाई गई हैं।जहां भक्तजन पूजन सामग्री खरीदने उमड़ रहे हैं।दुकानदारों का कहना है कि सूप-दउरा विशेष रूप से झारखंड से मंगाए गए हैं।जबकि पूजन के लिए नींबू,संतरा,केला जैसे फल मुजफ्फरपुर से आए हैं।पर्व को देखते हुए नदियों और तालाबों के घाटों की विशेष साफ-सफाई की गई है,ताकि श्रद्धालु पूजा विधि को शुद्ध रूप में संपन्न कर सकें।छठ मईया के गीतों से माहौल भक्तिमय छठ मइया के गीतों से समूचा माहौल भक्तिमय हो उठा है।हर ओर छठ गीतों की गूंज के साथ भक्तों का उत्साह देखने लायक है।श्रद्धालु नए चूल्हों का निर्माण कर प्रसाद बनाने की तैयारियों में जुटे हैं।सूर्य पूजा से मिलते हैं।इच्छित फल शास्त्रों में सूर्योपासना के महत्त्व को दर्शाया गया है।सूर्य नारायण की पूजा करने से साधक को समस्त इच्छित फलों की प्राप्ति होती है।विशेष प्रकार के यज्ञ,गन्ने के रस से स्नान और सुगंधित फूलों से अर्घ्य देने से भक्तजन पुण्यफल प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि चंदन और जल के साथ अर्घ्य देने पर साधक को पुत्र-पत्नी के साथ स्वर्ग लोक में प्रतिष्ठा मिलती है।सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद पर्व को लेकर रजौली प्रशासन ने घाटों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था भी की है।क्षेत्रों में घाटों और तालाबों की साफ-सफाई और सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालु निर्विघ्न भाव से सूर्योपासना कर सकें।

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