तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा सम्पन्न,आज मां कुष्मांडा की पूजा

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रजौली प्रखण्ड क्षेत्र के पुरानी बस स्टैंड,बजरंगबली चौक,संगत एवं नीचे बाजार,हरदिया एवं अमावां समेत अन्य मंदिरों एवं निजी आवास में नवरात्रि के तीसरे दिन शनिवार को मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना बड़े ही धूमधाम से सम्पन्न हुआ।पुजारी घनश्याम पाण्डेय ने बताया कि मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप को चंद्रघंटा के नाम से जानते हैं।नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह की पूजा-अर्चना की जाती है।इस दिन मां को अन्य भोग के अलावा शक्कर और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि यह भोग लगाने से माँ दीर्घायु होने का वरदान देती हैं। इनके पूजन-अर्चन से व्यक्तित्व में वैराग्य, सदाचार और संयम बढ़ता है।वहीं नवरात्रि के तीसरे दिन में मां कुष्मांडा की पूजा किया जाना है।मां के इस रूप को काफी ओजस्वी माना जाता है। इस रूप की आभा से दुनियाभर रोशन हो सकती है। मां के इस रूप को इसलिए एक खास रंग से जोड़कर देखा जाता है। जैसे कि मां का ये रूप सबसे पहले तो मन में आशा जगाता है और फिर इसे देखकर एक अलग सी एनर्जी आती है। इतना ही नहीं मां मन को खुश कर देती हैं।पुजारी कहते हैं कि मां कुष्मांडा नारंगी रंग की साड़ी में बेहद खूबसूरत लगती है। इसकी आभा से पूरी दुनिया जगमगा जाती है। आप भी नवरात्रि के चौथे दिन इस रंग के कपड़े पहन सकते हैं। आप इस रंग में साड़ी, सूट और फिर कुर्ता पहन सकते हैं।साथ ही बताया कि मान्यता है कि मां कुष्मांड़ा की पूजा करने से व्यक्ति का बुद्धि और विवेक बढ़ता है।

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