अनुमंडलीय अस्पताल में मिल रहे एक्सपायर्ड दवाई,मरीज की बढ़ रही परेशानी

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रजौली मुख्यालय स्थित अनुमंडलीय अस्पताल कहने को तो कागजों पर ट्रामा सेंटर है।किंतु इस अस्पताल में मरीजों के जीवन के साथ अक्सर खिलवाड़ किया जाता रहा है।अस्पताल अपनी कमियों और लापरवाहियों की वजह से अखबार और टीवी चैनलों के अलावे विभिन्न न्यूज़ पोर्टल पर सुर्खियों में रह रहा है।उसके बावजूद नवादा सिविल सर्जन,प्रभारी डीएस एवं रोगी कल्याण समिति मौन धारण किये हुए हैं।बीते गुरुवार की दोपहर रजौली बाजार निवासी सुनील कुमार अपना इलाज कराने ओपीडी में पहुंचते हैं।जहां अस्पताल में ड्यूटी में रही चिकित्सक डॉ. निवेदिता द्वारा मरीज से पूछताछ के बाद जरूरी दवाइयां लिख दी जाती है।मरीज चिकित्सक से मिलने के बाद दवाई काउंटर पर जाकर दवाई लेने के लिए लंबी लाइन में खड़े रखकर दवाई लेता है और घर चला जाता है।वहीं जब घर जाकर दवाई की एक्सपायरी डेट की जांच करता है,तो पता चलता है कि दवाई बीते वर्ष 2023 के दिसम्बर माह में ही एक्सपायर्ड हो चुकी है।अब सोचने बाली बात है कि बीते 9 माह से मरीजों को एक्सपायर्ड दवाई फार्मासिस्ट द्वारा बेरोकटोक दिया जा रहा है।यह अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है कि अब तक अस्पताल के फार्मासिस्ट द्वारा कितनों मरीजों को एक्सपायर्ड दवाई दिया जा चुका होगा।मरीज बतातें हैं कि फार्मासिस्ट द्वारा दवाई के पत्ते को काटकर 3 से 6 गोली काटकर दिया जाता है,जिसमें दवाई के एक्सपायर्ड डेट नहीं दिख पाते हैं।इस बाबत पर नवादा सिविल सर्जन के मोबाइल पर कॉल करने किसी ने कहा कि मैडम मीटिंग में हैं।बाद में बात हो पाएगी।अब देखना है कि एक्सपायर्ड दवाई के विरुद्ध प्रशासन एक्शन लेती है या मामला ठंडे बस्ते में चला जायेगा।

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