संगत की सम्पत्ति को हड़पने को लेकर धर्माचार्य ने जिलाधिकारी से लगाई न्याय की गुहार

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रजौली प्रखण्ड क्षेत्र स्थित संगत पर अवैध कब्जे के विरुद्ध उदासीन महामंडल प्रबंध समिति के राष्ट्रीय धर्माचार्य महंत डॉ. दयानंद मुनि ने जिलाधिकारी समेत एसडीओ एवं सीओ से न्याय की गुहार लगाई है।धर्माचार्य ने बताया कि संगत हिंदू धर्म के प्रति आसक्त उदासी सम्प्रदाय का मठ है।प्राप्त सूचना के अनुसार सिख संप्रदाय के लोग फर्जी दावों व दस्तावेजों के आधार पर हड़पने के नीयत से संगत की सम्पत्ति टकुआटांड मसई खाता 66 के प्लॉट संख्या 317 वगैरह रजौली अंचल अधिकारी कार्यालय में दाखिल ख़ारिज हेतु आवेदन किया है,जो पूर्णतः गलत भ्रामक एवं फर्जी है।हिंदू आस्था के उदासी मठ का सिख गुरुद्वारे से क्या लेना देना।पर सनातन धर्म के प्रति आसक्त उदासी सम्प्रदाय के प्रतीकों को समाप्त करने की साजिश चल रही।यह घोर आपत्तिजनक है तथा बहुसंख्यक हिंदू समाज में रोष है।इसके साथ ही धार्मिक न्यास बोर्ड ने मुझे इस मठ के देख रेख व प्रबंधक की जिम्मेवारी दी है और जमीन का खातियान व डिमांड भी मेरे पूर्वज महंत व गुरुपूर्वज के नाम दर्ज है।जो कि उदसीन सम्प्रदाय की सम्पत्ति है।मुझे न कोई सूचना दी गयी और न नोटिस।आपसे विनम्र प्रार्थना है कि अंचलधिकारी रजौली कार्यालय में प्रदत्त आवेदन व प्रक्रिया को अविलम्व निरस्त करते हुए एक धर्म व सम्प्रदाय विशेष के प्रतीकों को हड़पने के आपराधिक षड्यंत्र को रोकने की गुहार लगाई है।

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