नवादा के लोमस ऋषि पहाड़ी पर लगा मेला भारी भीड़ पहुंच

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
|
रामायण कालीन साधना केंद्र है रजौली का लोमस ऋषि पर्वत,
रक्षाबंधन पर लगता मेला
सप्तऋषि पहाड़ियों के बीच प्रकृति की गोद में बसे रजौली की धरती पर
सनोज कुमार संगम का रिपोर्ट :- 19- अगस्त 2024
रजौली प्रखंड की रजौली पूर्वी पंचायत में स्थित लोमस ऋषि पहाड़ के पौराणिक होने के साथ-साथ यह लोगों के आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र भी है।
पर्यटक स्थल के रूप में रजौली स्थित लोमस ऋषि पर्वत विकसित होगा। पौराणिक, पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विख्यात रजौली का लोमस ऋषि पर्वत रामायण काल के सप्तऋषियों की साधनास्थली माना जाता है। हाल के दिनों में इसके विकास को लेकर जारी प्रयासों के कारण इसके रामायण सर्किट से जुड़ने की संभावना बढ़ गयी है। ऐसा होने पर लोमस ऋषि और याग्वल्क्य ऋषि की पर्वत गुफाओं को संरक्षित करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, जो नवादा की धरती के लिए युगांतकारी साबित हो सकेगा फोरलेन सड़क पर सिमरकोल से तीन किलोमीटर की दूरी पर सरमसपुर गांव के पास स्थित यह क्षेत्र लोमस ऋषि के अलावा याग्वल्क्य ऋषि के आश्रम के लिए भी प्रसिद्ध रहा है। सप्तऋषि पहाड़ियों के बीच प्रकृति की गोद में बसे रजौली की धरती पर रजौली प्रखंड की रजौली पूर्वी पंचायत में स्थित लोमस ऋषि पहाड़ के पौराणिक होने के साथ-साथ यह लोगों के आस्था का केंद्र भी है। लगभग सवा सौ सीढ़ियां चढ़ कर श्रद्धालु लोमस ऋषि व याज्ञव्लक्य ऋषि आश्रम पहुंच कर अपनी इच्छित मनोकामना की पूर्ति के लिए माथा टेकते हैं।
इस दौरान रजौली पूर्वी पंचायत के मुखिया संजय यादव और उनके टीम के द्वारा बाबा के दर्शन करने आये सैकड़ो श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण किया जाता है।इस संबंध में मुखिया संजय यादव ने बताया कि रजौली सप्तऋषियों की तपोस्थली रहा है।और उन्हीं में से एक बाबा लोमष ऋषि और याज्ञवल्कय ऋषि भी हैं।लोमश ऋषि परम तपस्वी तथा विद्वान थे ,इन्हें पुराणों में अमर माना गया है।श्रावण माह के पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन के अवसर पर दोनों ऋषियों के तपोस्थली के समीप ग्रामीणों के सहयोग से एकदिवसीय मेला का भी आयोजन किया जाता है।ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु और भक्तजन सच्चे मन से बाबा लोमष ऋषि और याज्ञवल्कय ऋषि का दर्शन कर मन्नत माँगते हैं उन्हें उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।एक दिवसीय मेला में रजौली प्रखंड के अलावे कई प्रखंडों से भी श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने यहां आते हैं।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space